Train के डिब्बे पर बनी white और Yellow लाइन क्यों होता है, यह जानें | GK In Hindi General Knowledge : देश में हर दिन लाखों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं ! ट्रेन परिवहन का एक ऐसा साधन है! जो न केवल सस्ता है बल्कि समय भी बचाता है! लेकिन ट्रेनों से जुड़े कई ऐसे नियम हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है ! दरअसल, ट्रेन के डिब्बों पर बने हर निशान का एक अलग मतलब होता है !
Train के डिब्बे पर बनी white और Yellow लाइन क्यों होता है, यह जानें | GK In Hindi General Knowledge
Train के डिब्बे पर बनी white और Yellow लाइन क्यों होता है
आपने कई बार ट्रेनों में सफर किया होगा और इस सफर के दौरान आपने रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में कई तरह के निशान और नंबर देखे होंगे ! लेकिन जानकारी के अभाव में इसका मतलब पता नहीं चल पाता और ऐसी बातों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है ! आपको बता दें, ये लाइनें ट्रेन पर डिजाइन बनाने के लिए नहीं बनाई जाती हैं, बल्कि इसके पीछे कई कारण हैं ! और ये रेखाएं एक ही रंग की नहीं होती हैं, बल्कि आप इन्हें दो या तीन रंगों में देख सकते हैं ! आइये आपको बताते हैं इन रेखाओं का रहस्य!
सफ़ेद और पीली रेखाओं का क्या मतलब है
ऐसे निशान आपको ट्रेन के कुछ ही डिब्बों पर देखने को मिलेंगे ! यह आपको शौचालय की खिड़की के ठीक ऊपर दिखाई देगा! ये दरवाजे के ठीक पास एक विकर्ण रेखा में बने होते हैं! आज तक लोग सोचते होंगे कि यह डिज़ाइन ट्रेन की सजावट के लिए बनाया गया होगा, लेकिन ऐसा नहीं है!
इस निशान का अपना एक अलग ही मतलब होता है! यह निशान दरअसल कंटेनरों की पहचान के लिए है ! अगर आपको पढ़ना नहीं आता है तो आप इस सिंबल से ट्रेन के डिब्बों का पता लगा सकते हैं ! ये मार्किंग लाइनें उन जनरल कोचों की पहचान करने के लिए हैं जिनमें आप बिना सीट रिजर्वेशन के यात्रा कर सकते हैं !
इसलिए बनाई जाती है सफेद धारियां
यदि आपको नीले रंग के कोच पर सफेद रंग की लाइन (Meaning of Lines on train) दिखे तो समझ जाएं कि यह जनरल कोच है ! ऐसे कोच आमतौर पर ट्रेन के आगे और पीछे लगाए जाते हैं ! इन कोचों में वो लोग सफर करते हैं जिन्हें कन्फर्म सीट नहीं मिल पाती है !
पीली रेखाओं का क्या मतलब है
यदि नीले रंग के कोच के बाहरी किनारे पर पीले रंग की लाइन (Meaning of Lines ontrains) है ! तो इसका मतलब यह है कि विकलांग और बीमार लोग भी उस कोच में यात्रा कर सकते हैं ! ऐसे कोचों में विकलांगों और बीमारों के लिए सीटों और शौचालयों की विशेष सुविधाएं होती हैं !
ट्रेन के डिब्बे पर क्यों होती है सफेद और पीली लाइन: इस राज्य में बनाए जाते हैं ये खास डिब्बे?
नीले रंग के डिब्बे जिन पर ऐसी लाइनें (Meaning of Lines ontrains) बनी होती हैं, इंटीग्रल कोच कहलाते हैं ! ऐसे कोच तमिलनाडु के चेन्नई स्थित फैक्ट्री में बनाए जाते हैं ! इन कोचों को इंटीग्रल कोच कहा जाता है ! ऐसे नीले रंग के कोच वाली ज्यादातर ट्रेनें 70 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं !
जनरल और स्लीपर बोगी के बीच अंतर
दरअसल, अक्सर लोग जनरल और स्लीपर बोगी की पहचान नहीं कर पाते, क्योंकि दोनों डिब्बे एक जैसे दिखते हैं ! इसलिए जहां भी आपको डिब्बे पर ऐसी रेखाएं दिखाई दें तो समझ जाएं कि यह जनरल डिब्बा है ! जनरल डिब्बे का टिकट शुल्क स्लीपर कोच की तुलना में कम है ! इसमें आप 50 से 60 रुपये में सफर कर सकते हैं !
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