बैल और सांड में क्या अंतर है, सुनकर दिमाग की नसें हिल जाएंगी | GK In Hindi General Knowledge : समाज में बैल की मिसाल अक्सर मेहनत के प्रतीक के तौर पर दी जाती है ! वहीं जब आक्रामकता और ताकत का उदाहरण देना होता है तो बैल का जिक्र किया जाता है ! बैल और बैल गाय के नर बच्चे यानी बछड़े के रूप हैं ! लेकिन, समाज में दोनों की भूमिका अलग-अलग है ! हालांकि ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले हममें से ज्यादातर लोग बैल और बैल के बीच के अंतर से वाकिफ होंगे, लेकिन काफी हद तक संभव है कि शहरी युवा पीढ़ी को इस बारे में पता न हो ! आज हम आपको इसी बारे में बताते हैं ! आखिर एक ही गाय के नर बच्चे यानी बछड़े, बैल और बैल की दो अलग-अलग भूमिकाओं में कैसे आ जाते हैं !
बैल और सांड में क्या अंतर है, सुनकर दिमाग की नसें हिल जाएंगी | GK In Hindi General Knowledge
बैल और सांड में क्या अंतर है
दरअसल, यह एक दिलचस्प सवाल है ! मनुष्य शुरू से ही अपने स्वार्थ के लिए जानवरों का इस्तेमाल करता आ रहा है ! वह गाय को दूध के लिए और उसके बछड़े को बैल के तौर पर कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल करता है ! मनुष्य अपनी बुद्धि के दम पर ब्रह्मांड के सबसे खतरनाक और शक्तिशाली जानवरों को भी अपने वश में कर लेता है !
यही मनुष्य हाथी की सवारी करता है, जिसमें सैकड़ों लोगों के बराबर ताकत होती है ! यानी मनुष्य अपने दिमाग से शक्तिशाली प्राणियों को भी अपने वश में कर लेता है ! बैल और बैल के पीछे की कहानी यही है ! गाय के नर बछड़े बाद में दो रूपों में अपनी भूमिका निभाते हैं, बैल और सांड ! बैलों का इस्तेमाल आमतौर पर खेती के लिए किया जाता है ! किसान खेतों की जुताई के लिए बैल पालते थे !
GK In Hindi ऐसे बनते हैं बैल
दरअसल, मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए बछड़े को बैल बना देता है ! सृष्टि ने इस संसार में हर प्राणी के दो रूप बनाए हैं, नर और मादा ! ऐसे में जब गाय का नर बच्चा या बछड़ा बड़ा हो जाता है, तो वह पशुपालक के किसी काम का नहीं रह जाता ! पहले के समय में किसान इन बछड़ों का इस्तेमाल खेतों की जुताई के लिए करते थे ! लेकिन, समस्या यह थी कि मनुष्य को इन बछड़ों को नियंत्रित करने में दिक्कत होती थी ! फिर उन्होंने एक तरकीब निकाली ! इंसानों ने बछड़ों की जवानी को कुचलने का फैसला किया ! इससे बछड़े की आक्रामकता खत्म हो जाती है ! इसे बधियाकरण कहते हैं !
बैल और सांड में क्या अंतर है General Knowledge ऐसे बनते हैं बछड़े
बछड़े को बैल बनाने के पीछे की वजह इंसान का स्वार्थ है ! जब गाय नर बछड़े को जन्म देती है, तो वह बछड़ा बेकार हो जाता है ! ऐसे में जब ये बड़े हो जाते हैं तो किसान इन बछड़ों का इस्तेमाल खेतों की जुताई के लिए करते हैं ! लेकिन, दिक्कत ये है कि इन्हें काबू में करना मुश्किल है ! ऐसे में इन्हें काबू में करने के लिए इंसान पुराने समय से ही एक तरकीब अपनाता आ रहा है ! इंसानों ने बछड़ों की जवानी को कुचलने का फैसला किया ! जिससे उनकी आक्रामकता खत्म हो जाती है ! इस प्रक्रिया को बधियाकरण कहते हैं !
GK In Hindi General Knowledge बधियाकरण क्या है
इस प्रक्रिया में बछड़े के ढाई से तीन साल का होने पर उसके अंडकोषों को दबाकर नष्ट कर दिया जाता है ! आजकल ये काम मशीनों से भी किया जाता है, लेकिन पहले इसे अच्छे से कुचला जाता था ! इस प्रक्रिया में बछड़े को काफी दर्द का सामना करना पड़ता था !
GK In Hindi General Knowledge कई बार बछड़े को बधियाकरण के दौरान मार दिया जाता था ! उसकी मौत हो जाती थी ! इस तरह बछड़ा पूरी तरह नपुंसक बना दिया जाता है ! बैल वो बछड़े होते हैं जिनका बधियाकरण नहीं किया गया होता है ! ऐसे में जब ये बछड़ा बड़ा होता है तो पूरी ताकत से भरा होता है और आक्रामक होता है !
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