फांसी किस रस्सी से दी जाती है, इसका नाम क्या है और यह कहाँ बनाई जाती है | GK In Hindi General Knowledge : हमरे देश में पिछले कुछ दशकों में जब भी देश में फांसी हुई है तो फंदा बनाने वाली रस्सी बक्सर जेल से ली गई है ! चाहे वह पुणे जेल में अजमल कसाब की फांसी हो या 2004 में कोलकाता में धनंजय चटर्जी की फांसी ! वहीं, अफजल गुरु को फांसी देने के लिए भी बक्सर जेल से बनी रस्सी का इस्तेमाल किया गया था ! आखिर यहां की रस्सी में ऐसा क्या है कि किसी को भी फांसी देने के लिए यहां से रस्सी खरीदी जाती है? आइये जानते हैं क्या है इस रस्सी का नाम और खासियत !
फांसी किस रस्सी से दी जाती है, इसका नाम क्या है और यह कहाँ बनाई जाती है | GK In Hindi General Knowledge
फांसी किस रस्सी से दी जाती है, इसका नाम क्या है
हमारे देश में जब अदालत किसी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाती है तो उसके लिए एक तारीख तय की जाती है ! उस तिथि को ही उस व्यक्ति को फाँसी दी जाती है ! इसके लिए पिछले कुछ दशकों से एक विशेष रस्सी का इस्तेमाल किया जाता है, जो बक्सर जेल से ही आती है !
चाहे अजमल कसाब को पुणे जेल में फांसी देना हो या फिर कोलकाता में धनंजय चटर्जी को फांसी देना ! अफजल गुरु को फांसी देने की रस्सी भी बक्सर जेल से लाई गई थी ! ऐसे में सवाल उठता है कि इस रस्सी में ऐसा क्या खास है?
मनीला रोप का नाम कैसे पड़ा
यह रस्सी सबसे पहले फिलीपींस के एक पौधे से बनाई गई थी, इसीलिए इसका नाम मनीला रोप या मनीला रस्सी रखा गया ! इस रस्सी को खास तरीके से तैयार किया जाता है ! यह एक गूंथी हुई रस्सी है, जिस पर पानी का भी कोई असर नहीं होता ! बल्कि यह पानी को भी सोख लेता है ! इससे बनी गांठ इसकी पकड़ को मजबूत बनाए रखती है !
यहां फांसी की रस्सियां कब से बनाई जा रही हैं?
1930 से ही बक्सर जेल में फांसी के लिए रस्सियां बनाई जा रही हैं ! यहां बनी रस्सी जब भी फांसी दी गई, वह कभी खराब नहीं हुई ! दरअसल, फांसी के लिए बनाई गई यह रस्सी एक खास तरह की होती है ! माना जाता है कि यह बहुत मजबूत रस्सी होती है ! इस रस्सी का उपयोग पुल बनाने, भारी बोझ उठाने तथा भारी वजन लटकाने आदि में किया जाता है !
इसका नाम मनीला रस्सी है
यह रस्सी सबसे पहले फिलीपींस के एक पौधे से बनाई गई थी, इसलिए इसका नाम मनीला रोप या मनीला रस्सी रखा गया ! यह एक विशेष रूप से तैयार की गई लट वाली रस्सी है ! इस रस्सी पर पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह पानी को सोख लेती है ! इससे बनी गांठ अपनी पकड़ अच्छे से बनाए रखती है !
फांसी किस रस्सी से दी जाती है, इसका नाम क्या है : जलवायु को भी एक कारक माना जाता है
इस तरह की रस्सी बनाने के विशेषज्ञ बक्सर जेल में हैं और यहां कैदियों को इसे बनाने का हुनर भी सिखाया जाता है ! पहले इस रस्सी को बनाने के लिए विशेष रूप से पंजाब के बठिंडा से जे-34 सूती धागा मंगाया जाता था, लेकिन अब कई निजी एजेंसियां इसकी आपूर्ति गया या पटना से करती हैं ! ऐसा माना जाता है कि जेल के पास से ही गंगा नदी बहती है ! इसीलिए इसकी नमी का भी रस्सी की मजबूती और बनावट पर काफी असर पड़ता है !
रस्सी बनाने में कई चीजों का उपयोग किया जाता है
फांसी के लिए बनाई जाने वाली रस्सी एक खास तरीके से बनाई जाती है ! इसे बनाने में मोम का भी उपयोग किया जाता है ! इसे बनाने में सूती धागा, पीतल की झाड़ी, फेविकोल और पैराशूट रस्सी आदि का भी उपयोग किया जाता है ! जेल के अंदर ही पावरलूम मशीन लगी हुई है ! यह मशीन धागों को गिनकर उन्हें अलग करने का काम करती है !
फांसी किस रस्सी से दी जाती है इसका नाम क्या है : यह रस्सी कितनी बड़ी है
आमतौर पर किसी व्यक्ति को फांसी देने के लिए छह मीटर लंबी रस्सी का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कभी-कभी फांसी दिए जाने वाले व्यक्ति की ऊंचाई के अनुसार भी रस्सी की लंबाई तय की जाती है ! आमतौर पर इस रस्सी का वजन चार किलो या उससे अधिक होता है ! इसे बनाने का ऑर्डर मिलते ही जेल में इस पर काम शुरू हो जाता है ! इस रस्सी की कीमत 1000 रुपये से 2000 रुपये के बीच है ! बढ़ती महंगाई के कारण अब इसकी कीमत बढ़ गई है !
यह रस्सी कितना वजन सहन कर सकती है
ऐसा माना जाता है कि यह रस्सी 80 किलो वजन वाले व्यक्ति को भी आसानी से लटका सकती है ! हालांकि, कोशिश की जाती है कि फांसी से एक हफ्ते पहले यह रस्सी पहुंचा दी जाए, ताकि जल्लाद तीन से चार दिन तक प्रैक्टिस कर सके ताकि फांसी देते समय सब कुछ ठीक रहे !
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