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हवाई जहाज़ के इंजन में मुर्गियाँ क्यों फेंकी जाती हैं, यहाँ जानें | GK In Hindi General Knowledge

हवाई जहाज़ के इंजन में मुर्गियाँ क्यों फेंकी जाती हैं, यहाँ जानें | GK In Hindi General Knowledge  : अगर यात्रा और सुविधाओं की बात करें तो सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार हवाई जहाज है, जिसने घंटों की दूरी मिनटों में और कई दिनों की दूरी घंटों में तय की है ! इससे समय की बचत हुई है और इंसान को आराम भी मिला है ! हालांकि, इसके साथ ही कुछ दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है, जिनमें से एक है पक्षियों का विमान के इंजन से टकराना !

हवाई जहाज़ के इंजन में मुर्गियाँ क्यों फेंकी जाती हैं, यहाँ जानें | GK In Hindi General Knowledge

हवाई जहाज़ के इंजन में मुर्गियाँ क्यों फेंकी जाती हैं

हवाई जहाज़ के इंजन में मुर्गियाँ क्यों फेंकी जाती हैं

चूंकि हवाई यात्रा कोई मज़ाक नहीं है, इसलिए विमान को उड़ान पर भेजने से पहले उसके इंजन का परीक्षण करना ज़रूरी होता है ! इस दौरान चिकन गन के ज़रिए उसके इंजन में मुर्गियाँ भी डाली जाती हैं ! ऐसा करने के पीछे एक अहम और अहम वजह है, जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो !

पक्षी यात्रा को बना सकते हैं ‘अशुभ’

आसमान में उड़ते समय कई बार पक्षी विमान से टकरा जाते हैं और इससे बड़ी दुर्घटनाएँ होती हैं ! एक पक्षी की वजह से विमान में बैठे सभी यात्रियों की जान ख़तरे में पड़ जाती है, ऐसे में इसे बनाने वाली कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए सिम्युलेटर का इस्तेमाल करती है कि पक्षी की टक्कर की वजह से विमान का इंजन काम करना बंद न कर दे ! कमर्शियल विमानों को एक इंजन से उड़ान भरने की ट्रेनिंग भी दी गई है ! इसके साथ ही यह भी परखा जाता है कि अगर कोई पक्षी इंजन से टकरा जाए तो किस तरह की स्थिति पैदा होगी !

हवाई जहाज़ के इंजन में मुर्गियाँ क्यों फेंकी जाती हैं, यहाँ जानें : पक्षियों के हमले से बचाने के लिए

दरअसल, यह सब फ्लाइट के इंजन को परखने के लिए किया जाता है ! कई बार आपने सुना होगा कि पक्षी फ्लाई विंग से टकरा जाते हैं ! इससे हजारों लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है ! ऐसी स्थिति में पक्षियों के हमले के लिए हवाई जहाज का परीक्षण किया जाता है ! इस दौरान चिकन गन के जरिए उसके इंजन में मुर्गी भी फेंकी जाती है ! इस तरह लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है !

दुर्घटनाओं से बचने के लिए किया जाता है इसका इस्तेमाल

यह परीक्षण दुर्घटनाओं से बचने के लिए किया जाता है ! पक्षी की वजह से फ्लाइट में बैठे हर यात्री की जान जोखिम में रहती है ! कंपनी सिम्युलेटर के इस्तेमाल से यह तय करती है कि पक्षी के टकराने से विमान का इंजन काम करना बंद कर देगा ! यह सब लोगों की सुरक्षा के लिए किया जाता है !

कितने किलो चिकन का होता है इस्तेमाल

इस प्रक्रिया के लिए 2 से 4 किलो चिकन का इस्तेमाल किया जाता है ! आपको बता दें, यह परीक्षण आज से नहीं बल्कि कई सालों से किया जा रहा है ! इसके जरिए यह भी देखा जाता है कि इंजन में आग तो नहीं लग रही है ! 1

नकली पक्षियों के साथ-साथ मरे हुए पक्षी भी होते हैं

विमानन विशेषज्ञों के मुताबिक, जब भी कोई विमान हवा की ओर जा रहा होता है या लैंडिंग कर रहा होता है, तो हमेशा यह डर बना रहता है कि कहीं कोई पक्षी आकर उससे न टकरा जाए, इससे भी विमान को नुकसान पहुंचता है ! इसीलिए विमान बनाने वाली कंपनियां मुर्गियां फेंककर इसका परीक्षण करती हैं ! इस प्रक्रिया को “बर्ड कैनन” कहते हैं ! कई बार ये नकली पक्षी या मरे हुए मुर्गियां भी होती हैं ! ताकि यह पता चल सके कि पक्षी के टकराने से फ्लाइट का इंजन काम करना बंद तो नहीं कर देता !

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About the author

Vishal Hariyale

नमस्ते! मेरा नाम विशाल हरियाले है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 4 साल का अनुभव है | पिछले 4 साल से विभिन्न वेबसाइट पर अपनी सेवाएं दे रहा हु | मै पर्सनल फाइनेंस, बिज़नेस से सम्बंधित आर्टिकल्स लिखता हु |
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