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कड़कनाथ मुर्गे का मांस काला क्यों होता है , जानें यहाँ | GK In Hindi General Knowledge

कड़कनाथ मुर्गे का मांस काला क्यों होता है , जानें यहाँ | GK In Hindi General Knowledge : अगर आप काले रंग के कम कैलोरी वाले कड़कनाथ मुर्गे के शौकीन हैं और इस किस्म के मुर्गे का लजीज स्वाद चखना चाहते हैं तो आपको महीनों इंतजार करना पड़ेगा ! देशभर से इस नस्ल के मुर्गे की मांग इतनी ज्यादा है कि इसके लिए चार महीने तक का इंतजार करना पड़ रहा है !

कड़कनाथ मुर्गे का मांस काला क्यों होता है , जानें यहाँ | GK In Hindi General Knowledge

कड़कनाथ मुर्गे का मांस काला क्यों होता है

कड़कनाथ मुर्गे का मांस काला क्यों होता है

दरअसल, कड़कनाथ मुर्गे मध्य प्रदेश के सिर्फ झाबुआ क्षेत्र में ही पाए जाते हैं ! ऐसे में इस मुर्गे की मांग को पूरा करने के लिए ग्वालियर समेत कुछ जगहों पर कृषि विकास केंद्र में कृत्रिम हैचरी स्थापित की गई ! यहां साल भर चूजे तैयार किए जा रहे हैं, फिर भी मांग के अनुपात में उत्पादन नगण्य है !

क्यों खास है कड़कनाथ GK In Hindi

काला खून, काली हड्डियां, काला मांस और काले पंख कड़कनाथ मुर्गे की खासियत हैं ! यह पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर, झाबुआ जिले में ही पाया जाता है ! स्थानीय भाषा में कड़कनाथ को कालामासी भी कहते हैं, क्योंकि इसका मांस काला होता है !

कड़कनाथ का मांस स्वादिष्ट और ताकतवर माना जाता है ! सर्दियों में इसका सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है !

कड़कनाथ मुर्गे का रंग काला होता है और इसका मांस स्वादिष्ट होता है ! इसके साथ ही इसका मांस स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी माना जाता है ! अन्य प्रजाति के मुर्गे के मांस में वसा की उपलब्धता अधिक होती है, लेकिन कड़कनाथ मुर्गे में न तो वसा होती है और न ही तेल, बल्कि इसके मांस में आयरन और प्रोटीन अधिक होता है !

General Knowledge 1800 रुपये प्रति किलो बिकता है मांस

कड़कनाथ मुर्गा 4 से 5 महीने में पूरी तरह तैयार हो जाता है ! इसका मांस बाजारों में 1200 रुपये से 1800 रुपये प्रति किलो तक बिकता है ! वहीं, इस मुर्गी के एक अंडे की कीमत 50 रुपये तक होती है ! इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण बाजार में इसकी मांग बहुत अधिक है ! कड़कनाथ मुर्गे चारे में बरसीम और चरी आदि खाते हैं !

इन्हें पालने में लागत कम आती है और मुनाफा बहुत अधिक होता है ! इसकी एक खासियत यह भी है कि अन्य मुर्गों की तुलना में इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिसे खाने पर शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता ! साथ ही इसके पालन की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण भी ले सकते हैं ! साथ ही किसान इस मुर्गे को पालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं !

GK In Hindi General Knowledge कहां पाया जाता है यह मुर्गा

यह मुर्गा मूल रूप से मध्य प्रदेश के झाबुआ के आदिवासी इलाकों में पाया जाता है ! लेकिन, अब वैज्ञानिकों के शोध की मदद से इसे छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में आसानी से पाला जा रहा है ! इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए कई अन्य राज्यों के पशुपालक भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं !

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Vishal Hariyale

नमस्ते! मेरा नाम विशाल हरियाले है। मुझे लेखन के क्षेत्र में 4 साल का अनुभव है | पिछले 4 साल से विभिन्न वेबसाइट पर अपनी सेवाएं दे रहा हु | मै पर्सनल फाइनेंस, बिज़नेस से सम्बंधित आर्टिकल्स लिखता हु |
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